9महीने 9दिन गर्भ मे बच्चा क्यो रहता है?
9 महीने 9 दिन गर्भ मे बच्चा क्यो रहता है क्या है
बच्चे को महान बनाने का वैज्ञानिक उपाय ?
लोग
ज्योतिष पर बहुत कम विश्वास करते है क्योकि ज्योतिषियों ने ही ज्योतिष का विनाश
किया है । उनके अधूरे ज्ञान के कारण ऐसा हुआ है । गर्भ मे बच्चा 9 महीने और 9
दिन ही क्यो रहता है । इसका एक वैज्ञानिक आधार है । हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह अपनी अपनी किरणों से गर्भ मे पल रहे बच्चे को विकसित करते है । हर
ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप बच्चे के शरीर के भागो को विकसित करता है । अगर कोई
ग्रह गर्भ मे पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो उपाय से उसको ठीक किया जा सकता है ।
गर्भ से 1 महीने तक शुक्र का प्रभाव रहता
है । अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करना चाहिए । अगर
शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर होगा । और उस समय स्त्री को चटपटी चीजे खानी
चाहिए । शुक्र का दान न करे । अगर दान किया तो शुक्र कमजोर हो जाएगा । कुछ अनाड़ी
ज्योतिषी अधूरे ज्ञान के कारण शुक्र का दान करा देते है । दान सिर्फ उसी ग्रह का
करे जो पापी और क्रूर हो और उसके कारण गर्भपात का खतरा हो ।
दूसरे
महीने मंगल का प्रभाव रहता है । मीठा खा कर मंगल को मजबूत करे ।तथा लाल वस्त्र
ज्यादा धारण करे ।
तीसरे
महीने गुरु का प्रभाव रहता है । दूध और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन करे
तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करे ।
चौथे
महीने सूर्य का प्रभाव रहता है । रसों का सेवन करे तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण
करे ।
पांचवे
महीने चंद्र का प्रभाव रहता है । दूध और दहि तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करे
तथा सफ़ेद ज्यादा वस्त्र धारण करे ।
।
छटे
महीने शनि का प्रभाव रहता है । कशीली चीजों केल्शियम और रसों के सेवन करे तथा
आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करे ।।
सातवे
महीने बुध का प्रभाव रहता है । जूस और फलों का खूब सेवन करे तथा हरे रंग के वस्त्र
ज्यादा धारण करे ।।
आठवे
महीने फिर चंद्र का तथा नौवे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है । इस दौरान अगर कोई
ग्रह नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे महीने यज्ञ करन चाहिए । जितना गर्भ
ग्रहों की किरणों से तपेगा उतना ही बच्चा महान और मेधावी होगा । जैसी एक मुर्गी
अपने अंडे को ज्यादा हीट देती है तो उसका बच्चा मजबूत पैदा होता है । अगर हीट कम
देगी तो उसका चूजा बहुत कमजोर होगा । उसी प्रकार माँ का गर्भ ग्रहों की किरणों से
जितना तपेगा बच्चा उतना ही मजबूत होगा । जैसे गांधारी की आँखों की किरणों के तेज़
से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था ।
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